वंशीधर मंदिर
झारखंड की राजधानी रांची से करीब 230 किलोमीटर की दूरी पर उंटारी प्रखंड नगर में बंशीधर मंदिर देश-विदेशियों व पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना रहता है… दोस्तों नगर के द्वार पर ही यह मंदिर है भगवान कृष्ण की 4 फीट ऊंची और 32 मन वचन वाली 1280 किलो सोने से बनी यह मूर्ति भक्तों के मन को मोह लेती है… सोने की छतरी के नीचे वंशीधर राधा रानी के साथ विराजमान हैं… दोस्तों यहां की महारानी शिवमानी कुंवर, महाराज भवानी सिंह की विधवा को स्वप्न में दिखा कि शिव पहरी पहाड़ी पर यह मूर्ति दबी हुई है तो वह सेना लेकर अगले दिन उसी जगह पहुंची तो खुदाई में यह मूर्ति मिल गई तब मूर्ति को हाथी पर रखकर नगर की और लाया गया नगर द्वार पर आकर हाथी बैठ गया तथा उठा ही नहीं… इसलिए मंदिर द्वार पर ही बनवा दिया गया… क्योंकि मूर्ति अकेले कृष्ण की थी और राधा जी की अष्ट धातु की मूर्ति बनारस से बनवा कर साथ में विराजमान करवाई गई…
दोस्तों कहा जाता है एक बार मंदिर से चोरों ने सोने का छत्र व बंसी चुरा ली व छिपा दी तो चोर अंधे हो गए फिर उन्होंने अपनी चोरी स्वीकार कर ली… सामान तो ना मिला पर राजपरिवार ने दोबारा से सोने की वंशी व छत्र बनवा दिया था… जय राधे बंशीधर… तो आओ दोस्तों हम भी चलें कृष्ण संग संग वह अपना जीवन सफल बनाएं
नोट: यह लेख “नेट” की सहायता से लिखा गया है
” डिप्टी सेक्रेटरी – प्यारे फाउंडेशन“
”लेखिका – पुष्पा थपलियाल”
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