कृष्ण संग संग के मेरे प्यारे कृष्ण प्रेमी दोस्तों
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरेहरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
आओ… दोस्तों कृष्ण संग चल कर उन्हीं के बारे में हम जानकारी लेते हैं… दोस्तों… मथुरा में एक मंदिर है विश्राम घाट नाम की जगह में… आप में से कुछ दोस्तों ने देखी भी हो… कहते हैं कृष्ण जी ने कंस का वध करने के बाद वहां पर विश्राम किया था इसीलिए उस स्थल का नाम विश्राम घाट पड़ा… इस जगह पर जो कृष्ण मंदिर है उसके अंदर श्री राधा कृष्ण की मूर्ति नहीं है… उसमें कृष्ण के साथ कुब्जा की मूर्ति है यह एक ऐसा मंदिर है जिसमें कृष्ण संग राधा जी नहीं है… इस मंदिर के दोनों तरफ काफी छोटे बड़े मंदिर हैं…
दोस्तों… कृष्ण अधूरे हैं राधा जी के बिना राधा कृष्ण मिलकर बोलने से ही पूर्ण प्रेम की अनुभूति होती है… दोस्तों… कहा जाता है कि कृष्ण जी के साथ इस मंदिर में कुब्जा “कूबड़ी” की पूजा होती है जो इनकी दासी थी पर बाद में कृष्ण जी ने कुब्जा को द्वारिका में पटरानी का दर्जा दिया तो कहते हैं “राधा-कृष्ण तो सब कहे कूब्जा कहे ना कोई एक बार कुब्जा बोलने से कोटी फल मिलते हैं राधे कृष्ण राधे श्याम राधे माधव राधा गोविंद आदि गोपाल के हरनाम में राधा समाई हैं राधा कृष्ण ही पूर्ण साकार हैं बाकी कृष्ण संग हर जुड़ा नाम माया है लीलाधर की लीला है आओ बोले राधे कृष्ण राधे कृष्ण
नोट: यह लेख “नेट” की सहायता से लिखा गया है
” डिप्टी सेक्रेटरी – प्यारे फाउंडेशन“
“लेखिका – पुष्पा थपलियाल”
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