मेरे कान्हा को कौनसी पांच चीज़ें प्यारी हैं

Gau Mata

१ बंसी – जानते हो क्यों बांसुरी में गाँठ नहीं होती

  1. श्री कृष्ण ने समाज को ये शिक्षा दी कि किसी प्रकार की गाँठ नहीं  बांधनी चाहिए….. किसी भी बुराई को पकड़ कर नहीं बैठना चाहिए।
  2. ये बिना बजाये बजती नहीं है…. अतः जबतक न बोला जाये हम व्यर्थ न बोलें……
  3. बांसुरी जब भी बजती है मीठा ही बजती है…… इसका अर्थ है जब भी  बोलें मीठा ही बोलें….. जब मेरा कृष्ण किसी के अंदर ये गुण देखते हैं….. तो उसे उठाकर अपने होठों से लगा लेते हैं……..
Krishna's Flute
Krishna’s Flute

२ दूसरी पसंद – गाय माता तथा ग्वाल – मेरे प्रभु को गाय अति प्रिय है….. क्योंकि गौ सभी गुणों की खान है तथा उदार है….. गौ का गौमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी इन्हे मिलाके पंचगव्य बनता है…. गुरूजी कहते हैं कि इनका पान करने से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं तथा जीव के भीतर पाप नहीं ठहरता….. गुरूजी कहते हैं….. जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करते हैं….. वे सभी पापों से मुक्त होकर अक्षय स्वर्ग का सुख भोगता है…. ऐसी है मेरी भगवती गौ माता….. गौ भक्तों को श्री कृष्ण ग्वाला सखा मानकर उनका आदर करते हैं तथा उनकी समाज में जैजैकार करवाते हैं….. गौ सेवा सबसे बड़ी सेवा व पूजा है

Gau Mata
Gau Mata

३ प्रभु की तीसरी पसंद मोर पंख है – मोर पंख से संसार को ब्रह्मचर्य की शिक्षा दी है….. मोर एक मात्र प्राणी है जो ब्रह्मचर्य का पालन करता है…. मोरनी मोर के आंसू पीकर ही संतान को जन्म देती है इसलिए श्री कृष्ण इस पक्षी को इतना पसंद करते हैं की इसके सुंदर पंख को मुकुट की तरह अपने सर पर धारण करते हैं, जो मनुष्य प्रेम बंधन में पवित्र  रहते हैं उन्हें मेरे प्रभु सर पर ही बिठा लेते हैं……

Mor Pankh
Mor Pankh

४ चौथा कमल की वैजयंती माला – प्रभु चाहते हैं…. कमल की तरह पवित्र रहें….. अर्थात कमल कीचड में रहता है तो भी पवित्र रहता है…. सुन्दर है… और अपनी महक और खुशबू से चरों ओर सुगंध फैलाये रखता है…. उसकी सुंदरता तथा खुशबू  सभी का मन मोह लेती है… यह हमे जीवन जीने का सन्देश देती है कि आपके आस पास भी अवगुणी लोग क्यों न हो आप उन्हें भी गुणी बना सकते हैं तथा आपको अवगुण छू भी नहीं सकते….. वैजयंती माला श्री कृष्ण क्र गले में सुशोभित होती है…. ये चमकदार माला सख्त होती है…. तथा बीज टूटते नहीं हैं अतः माला सिखाती है कि…. किसी भी अवस्था में टूटें नहीं बस चमकदार बने रहें…. अतः बीजों की मंज़िल है धरा तो हमेशा अपनी ज़मीन से जुड़े रहें…. चाहे कितने भी बड़े हो जाएं अपनी पहचान बनाए रखें…. इसलिए मेरे कृष्ण इन्हे अपने गले में धारण कर अपने गले से लगाए लिपटाय रहते हैं….. दोस्तों हमें भी कमल की तरह बनना है महकना है ताकि कृष्ण संग – संग  रह सकें…..

Vaijanti mala
Vaijanti mala

५ दोस्तों, पांचवी चीज़ है माखन मिश्री – कृष्ण कहते हैं कि मुझे मिठास पसंद है इसलिए मुझे मिश्री पसंद है….. मिठास प्रेम बढाती है…. और मिश्री में वो गुण हैं कि वो जब माखन के साथ मिले जाती है तो वो माखन के कण – कण में मिल जाती है….

यह हमें सीख देती है कि हमारा व्यव्हार भी ऐसा ही होना चाहिए कि हमारे आस पास हमारे व्यव्हार की मिठास घुल जाये….. तथा संपर्क में आये लोग भी ये गुण अपनाएं….. तो दोस्तों….. इसलिए मेरे गोपाल मेरे बंसीदार मेरा माखन चोर मेरा मोर मुकुट धार वो सुन्दर सुकोमल नीलकमल से अंगों वाला मेरा श्याम सलोना….. ये पसंद करता है तथा संसार को भी सन्देश देता है…..  

Krishna and makhan
Krishna and makhan

” डिप्टी सेक्रेटरी – प्यारे फाउंडेशन“

लेखिका – पुष्पा थपलियाल”

फोन न. –  8587890152 ; 8377075517

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3 thoughts on “मेरे कान्हा को कौनसी पांच चीज़ें प्यारी हैं

  1. Amit says:

    There is so much to learn about krishna and everytime you read about him, it feels that you don’t even know one percent about his personality.
    A really good narration indeed….

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