कुछ समय पूर्व की बात है हम कुछ लोग उत्तराखंड घूमने गए…. सुबह का समय था… साथ के सभी लोग सोये हुए थे… कारण के पहले दिन घूमकर काफी थकान थी… आराम से सोये थे… मेरी नींद खुली तो मै अपने होटल रूम से बहार आ गयी… चरों तरफ का सुन्दर नज़ारा देखकर मन ख़ुशी […]
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चंद्र कुंड के आस पास हल्का कोहरा फैला था… ओंस की बूँदें पेड़ों की शाखाओं से मोती की तरह टपक टपक कर धुल में मिली जा रही थी… हलकी सी ठण्ड… जो मन को भली लग रही थी… वो सिरहन जो शरीर में हलचल पैदा करती तथा एक मीठी सी कश्मकश … ऐसा सुबह का […]
आज मैं कृष्ण संग निधिवन के लिए निकली… गलियों में घूमते फिरते निधिवन के निकट आ गए थे… सभी छोटे बड़े मंदिर में दर्शन करते हुए हम टेड़े खम्बे मंदिर के बाहर से अंदर के लिए जा रहे थे…. कि भीड़ में मेरा हाथ कान्हा के हाथों से छूट गया…. बस हाथ छूटा और मैं […]
जल्दी-पूरे घर के काम समाप्त किये और हर आहट पर नज़रें बाहर दरवाज़े पर टिकी थी…. क्यों न होती-मेरा कान्हा मेरा प्रियतम मुझे आज अपने साथ “गोवर्धन” तथा “निधिवन” घुमाने के लिए लेने आने वाले थे… कृष्ण रूप की छवि मेरी अँखियों में रस बस गयी थी…. आँखों के आगे वही छबीला-चंचल रूप वो जादुई […]
जब से गौलोक धाम गयी……… मैं अपने आप में नहीं थी…….. एक ऐसी शांति न कोई चिंता न कोई चीज़ की चाहत ……… जब से कान्हा संग गौलोक धाम आयी हूँ……. कान्हा की मेहमान बन कर घूम रही हूँ……… वे एक संगमरमर के पथर पर बंसी लिये बैठे हैं…….. और मै गोद में सर रखके […]
मेरी आँखे इस तेज़ पुंज को देख कर चकाचौंध हो गई….. वो तेज़ पुंज अब श्वेत की जगह रंगीन सा होने लगा था…….. तथा एक सुगन्धित खुशबू से कमरा भर गया था…… सुगन्ध ऐसी कि कभी नहीं महसूस की होगी जो आज पहली बार थी…… ओफ…. कुछ समझने कि कोशिश कर रही थी कि एक […]
१ बंसी – जानते हो क्यों बांसुरी में गाँठ नहीं होती श्री कृष्ण ने समाज को ये शिक्षा दी कि किसी प्रकार की गाँठ नहीं बांधनी चाहिए….. किसी भी बुराई को पकड़ कर नहीं बैठना चाहिए। ये बिना बजाये बजती नहीं है…. अतः जबतक न बोला जाये हम व्यर्थ न बोलें…… बांसुरी जब भी बजती […]