Category Archives: Stories

Corona| कोरोना में एक माँ की पीड़ा

—–पुष्पा थपलियाल द्वारा लिखित—— घर में उथल-पुथल सी हो रही थी… राहुल की मम्मी काफी बिमार थी… उसके पापा का फोन आया था कि कुछ भी हो सकता है… बेटे आप को काफी याद कर रहे हैं कि तू भी आ जा… बहू और बच्चो को मत लाना Corona का खतरा है… हाँ मास्क लगा […]

“एक लेखिका की नज़र से” – कोरोना लॉकडाउन (Corona Lockdown)

मैं अपने होटल की ऊपर की मंज़िल में  बैठा था.. फिर उठा और  थोडा टहलने  की मंशा से बाहर बालकनी में आ खड़ा हुआ… नीचे गंगा घाट था और सामने कल-कल बहती गंगा.. सामने दूर-दूर चारो तरफ फैली ऊँची पर्वत श्रृंखलाएं… ठंडी हवा का एक झोंका आया और बदन को छूता हुआ न जाने कहाँ […]

निक्की

एक  चींटी थी जिसका नाम निक्की था…. वह अपने परिवार के साथ एक मकान के आँगन में रहती थी…. सुबह नहा धोकर बचा कुछ अपने नन्हे बच्चों को खिला जाती थी जिनके नाम थे मुन्नू, गोलू, और निक्की ऋतू…आज भी उसने सुबह उठकर अपने बच्चों को खिला पिलाकर, नेहला-धुलाकर तैयार किया तथा खुद भी तैयार […]

मैला आँचल

इतनी अशांति और बेचैनी मन में कभी नहीं  आई थी… जितनी कि आज थी इसलिए शायद मेरा ये मन उदासी का भारी बोझ लिए भटक रहा था… चलते चलते रास्ते के दूसरी तरफ बानी कोयला चुगने वालों तथा कूड़ा चुगने वालों की झुग्गी झोपड़ियों की तरफ देखती चली जा रही थी… उन्हें देखकर मन दुखी […]

वो रात

Vo raat

मैं रात भर सो न सकी…. क्योकि हाल ही में मेरी एक कहानी पर राज्य सरकार ने मुझे पुरस्कार से सम्मानित किया था और उसी सिलसिले में सुबह टेलीविज़न पर पर देने के लिए कुछ लोग मेरा साक्षात्कार लेने आ रहे थे… अख़बारों तथा कुछ ख़ास पत्रिकाओं में भी काफी प्रशंसा पढ़ने को मिली ….सुबह […]

गौ गंगा

Gau mata

कुछ समय पूर्व की बात है हम कुछ लोग उत्तराखंड घूमने गए…. सुबह का समय था… साथ के सभी लोग सोये हुए थे… कारण के पहले दिन घूमकर काफी थकान थी… आराम से सोये थे… मेरी नींद खुली तो मै अपने होटल रूम से बहार आ गयी… चरों तरफ का सुन्दर नज़ारा देखकर मन ख़ुशी […]

गाय माँ और परी

Angel in action

चंद्र  कुंड के आस पास हल्का कोहरा फैला था… ओंस की बूँदें पेड़ों की शाखाओं से मोती की तरह टपक टपक कर धुल में मिली जा रही थी… हलकी सी ठण्ड… जो मन को भली लग रही थी… वो सिरहन जो शरीर में हलचल पैदा करती तथा एक मीठी सी कश्मकश … ऐसा सुबह का […]

कृष्ण संग – संग भाग ४ (4)

Radhe Krishna 3

आज मैं कृष्ण संग निधिवन के लिए निकली… गलियों में घूमते फिरते निधिवन के निकट आ गए थे… सभी छोटे बड़े  मंदिर में दर्शन करते हुए हम टेड़े खम्बे मंदिर के बाहर से अंदर के लिए जा रहे थे…. कि भीड़ में मेरा हाथ कान्हा के हाथों से छूट गया…. बस हाथ छूटा और मैं […]

कृष्ण संग संग भाग ३ (3)

Radha Krishna in journey

जल्दी-पूरे घर के काम समाप्त किये और हर आहट पर नज़रें बाहर दरवाज़े पर टिकी थी…. क्यों न होती-मेरा कान्हा मेरा प्रियतम मुझे आज अपने साथ “गोवर्धन” तथा “निधिवन” घुमाने के लिए लेने आने वाले थे… कृष्ण रूप की छवि मेरी अँखियों में रस बस गयी थी…. आँखों के आगे वही छबीला-चंचल रूप वो जादुई […]

मैं कृष्ण संग – संग भाग २ (2)

Radha Krishna with cow

जब से गौलोक धाम गयी……… मैं अपने आप में नहीं थी…….. एक ऐसी शांति न कोई चिंता न कोई चीज़ की चाहत ……… जब से कान्हा संग गौलोक धाम आयी हूँ……. कान्हा की मेहमान बन कर घूम रही हूँ……… वे एक संगमरमर के पथर पर बंसी लिये बैठे हैं…….. और मै गोद में सर रखके […]

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